परिपूर्ण फिटनेस के ५ पहलू।
क्या आप व्यायाम मे केवल चलना, केवल योगासन या फिर केवल weight training कर रहे है ? इस तरह के workout से fitness के कुछ ही पहलुओ में सुधार होगा और परिपूर्ण फिटनेस नहीं मिलेगा। अगर हमे सम्पूर्ण fitness कमाना है तो ट्रैनिंग मे कुछ अन्य पहलू भी शामिल करने पड़ेंगे। सर्वांगीण fitness के लिए ५ घटक जरूरी होते है। एक मुद्दा यहां स्पष्ट कर दू की इस blog में, मैं केवल स्वास्थ से संबंधित फ़िटनेस की चर्चा करूंगी।
स्वास्थ से संबंधित फिटनेस से क्या मतलब हुआ ? क्या शारीरिक फिटनेस के अलग अलग प्रकार होते है? क्या हम सभीं को व्यायाम कर के स्वास्थ और तंदुरुस्ती की ही अपेक्षा नहीं होती? ये बिल्कुल सच है की हम सभी को स्वास्थ और शरीर का अच्छा आकार कमाना होता है। परंतु कौनसा व्यायाम और कितनी मात्रा में करना है ये हमारी निजी जरूरतों पे निर्भर रहेगा। उदाहरण के लिए एक खिलाड़ी को अपना performance सुधारने के लिए बहुत ज्यादा intensity का व्यायाम करना पड़ेगा। उनका व्यायाम साधारण व्यक्ति के मुकाबले मे बहुत ज्यादा होगा और उसमे बाकी कई सारे घटक होंगे जैसे की muscle power , संतुलन, चपलता इत्यादि। परंतु हम साधारण व्यक्ति स्वास्थ्य के लिए, शरीर निरोगी रखने के साथ वजन नियंत्रण मे रखने के लिए व्यायाम करते है। हमारा दैनंदिन जीवन उत्साह से बिना थके जीना हमारा ध्येय होता है। इसी लिए हमारा व्यायाम खिलाड़ियों की तुलना में अलग हो जाता है।
अब स्वास्थ्य से संबंधित Fitness के ५ घटक समझ लेते है।
१] दमसांस (Cardiovascular Endurance)-
हमारे ह्रदय, फेफड़े तथा रक्तवाहन संस्था की; काम करने वाले muscles को रक्त पहुचाने की क्षमता को दमसांस कहेंगे। अगर हमारी मासपेशियां ज्यादा काम करने लगे तो ज्यादा रक्त उन तक पहुचना चाहिए। इसी को हम stamina कहते है। इस घटक को सुधारने के लिए हम चलना, दौड़ना, नृत्य, तैरना इस तरह के व्यायाम प्रकार कर सकते है।
२] मासपेशियों की ताकत (muscular strength) -
हमारी एक मासपेशी ज्यादा से ज्यादा कितना वजन उठा सकती है उस पर मासपेशी की ताकद तय की जाती है। अर्थात जो मासपेशी ज्यादा जोर लगा सकती है वो ज्यादा ताकतवर होगी। मासपेशियों की ताकद बढ़ने से हमारी हड्डियां ज्यादा मजबूत होंगी, शरीर का आकार सुधर जाएगा और आवश्यक जगहों से आकार भी कम हो जाएगा। fitness के इस पहलू को सुधारने के लिए हम वजन उठाना, योगासन जैसे व्यायाम कर सकते है।
३] मासपेशियों की काम करते रहने की क्षमता (muscular endurance) -
मासपेशियों की आकुंचन शिथिलीकरण करने की क्षमता ही काम करते रहने की क्षमता (endurance) होती है। Muscular endurance मतलब मासपेशियों की बिना थके काम करते रहने की क्षमता। ये भी एक तरह का stamina है। इस क्षमता के बढ़ने से शरीर मे थकान की भावना कम होती है। इस घटक को सुधारने के लिए हमे नियमित weight training तथा योगासन करना चाहिए।
अच्छी शारीरिक संरचना मतलब शरीर में चरबी और मांसपेशियों का संतुलित प्रमाण। शरीर में lean body mass मतलब हड्डियां, मांसपेशियां और अन्य अवयव ज्यादा मात्रा में होने के साथ ही चरबी कम मात्रा मे होनी चाहिए। इस तरह से संरचना में सुधार आने के बाद शरीर प्रमाणबद्ध दिखने लगता है और हृदय रोग की आशंका भी कम हो जाती है। ऊपर लिखें गये सभीं पहलूंओं को workout मे शामिल कर के, योग्य आहार ले के हम शरीर में चरबी का प्रमाण कम रख सकते हैं।
ब्लॉग को विराम देने से पहले जो लोग नियमित व्यायाम कर रहें हें उनका अभिनंदन करना चाहूंगी। किसी भी प्रकार का नियमित व्यायाम करनेवालों का अभिनंदन! चाहें आप अभी नियमित व्यायाम कर रहे हो या ना हो, आप सभी से अनुरोध हैं की इस blog को ध्यान से पढ़िये, अपने workout में योग्य बदलाव कीजिए और exercise करते राहिए।
मेरा कानमंत्र याद रखिए,
थोड़ा ही सही लेकिन नियमित व्यायाम बहुत आवश्यक हैं!





