Sunday, June 4, 2023

वैट ट्रैनिंग का अर्थ क्या है?


वेट ट्रेनिंग अथवा रेसिस्टन्स ट्रेनिंग का मतलब है ऐसा वजन उठाना जो उठाने के लिए हमे थोड़ा कष्ट करना पड़े। अर्थात ऐसे व्यायाम प्रकार जिनमे हमारी मांसपेशियों को जोर लगाना पड़े या फिर किसी वजन के विरुद्ध जोर लगाना पड़े। जैसे कोई dumbell उठाते समय या अपनाही वजन उठाकर पुश अप करते समय हमे कष्ट होते है, क्यूकी हमारी मांसपेशियों को किसी वजन का विरोध होता है और उसे जोर लगाकर उठाना पड़ता है। 

दुनिया मे अधिकांश लोग स्वाभाविक रूप से वैट ट्रैनिंग करते है। किसान, मजदूरी करनेवाले लोग हर दिन वैट ट्रैनिंग करते है। इस वर्ग की महिलाए भी हर दिन वैट ट्रैनिंग करती है फरक सिर्फ इतना है की वो वजन dumbell की तरह नहीं दिखता। परंतु आधुनिक जीवनशैली मे शारीरिक कष्ट बहुत कम हो गए है। बहुत लोगों की जीवनशैली sedentary हो गई है जिस मे शारीरिक गतिविधि बहुत कम हो गई है। ऐसे सभी लोगों को जान बूझ के निश्चयपूर्वक वैट ट्रैनिंग करने की जरूरत है। ये स्त्री, पुरुष तथा उम्र मे वरिष्ठ सभीं के लिए आवश्यक है। 

कुछ लोगों के मन मे वैट ट्रैनिंग के प्रति एक डर रहता है क्यूकी वो इसका संबंध पहिलवानी से जोड़ते है जो बहुत ही भारी वजन उठाते है। इस कारण, वैट ट्रैनिंग सिर्फ बॉडी बिल्डर्स एवं खिलाड़ियों के साथ जोड़ दिया जाता है। परंतु हम सभी को हमारी हड्डियाँ तथा मांसपेशिया स्वस्थ रखना जरूरी है। कुछ महिलाओं के मन मे ये भी डर रहता है की वैट ट्रैनिंग करने के बाद उनका शरीर बॉडी बिल्डर्स जैसा दिखने लगेगा। लेकिन ये ध्यान रखना बहुत जरूरी है की तंदुरुस्त शरीर के लिए मांसपेशियों की ताकद और स्टामिना बहुत महत्वपूर्ण है। तभी हमारे दैनंदिन काम हम बिना थके, आसानी से कर सकते है। 

हम सभी की ताकद और स्टामिना उम्र के साथ कम होती है। sedentary जीवनशैली से मांसपेशियाँ तथा हड्डीया और भी कमजोर हो जाती है। धीरे धीरे हर दिन के काम भी मुश्किल लगने लगते हैऔर शरीर मे जगह जगह दर्द या पीड़ा शुरू हो जाती है। 

पहले वेट ट्रेनिंग अथवा रेसिस्टन्स ट्रेनिंग का मतलब समझ लेते है। जब हम अपनी क्षमता से भारी वजन उठाते है, धकेलते या खींचते है; जो हमे मुश्किल लगता है उसी को वेट ट्रेनिंग या रेसिस्टन्स ट्रेनिंग कहते है। जब हम वैट ट्रैनिंग नियमित रूप से करते है, तब हमारी मांसपेशियों को, हड्डियों को मजबूत और लचीला बनने का संदेश मिलता है। इस के अलावा जोड़ों के आजूबाजू होनेवाले tendons और ligaments भी मजबूत बन जाते है। Tendons और ligaments तार जैसे अवयव होते है जो हड्डीयों और मांसपेशियों को एकसाथ पकड़ के रखते है। 

अब वैट ट्रैनिंग करने के अलग अलग पर्याय देखते है। पारंपरिक साधन जैसे dumbell, barbell, मुदगल इत्यादि वैट ट्रैनिंग के साधन है। इस के अलावा वेट ट्रेनिंग मशीन्स, फिटनेस बॉल, टयूब्स , केटल बेल इत्यादि साधन भी उपयोग मे लाए जा सकते है। हमारे अपने शरीर का वजन भी रीज़िस्टन्स बन सकता है, उदाहरण के तौर पर squats , planks इ.। योगासन अभ्यास मे भी रेसिस्टन्स का परिणाम होता है। ये सभी पर्याय और साधन कुछ महीनों या सालों के बाद बदल बदल के उपयोग मे लाए जा सकते है। इस से शरीर के लिए नियमित आव्हान बना रहेगा और नियमित सुधार आते रहेगा। 




अपनी फिटनेस रूटीन मे सप्ताह मे २ से ३ बार वैट ट्रैनिंग जरूर शामिल करे। उससे हड्डीया मजबूत होंगी, उनमे calcium तथा अन्य धातुओं की मात्रा बढ़ेंगी, osteoporosis जैसी बीमारिया दूर रहेंगी और मांसपेशिया भी तंग और मजबूत रहेंगी। इस के अलावा वजन काम होने के साथ शरीर का आकार भी सुधार जाएगा। लचीले और सुददृढ शरीर के लिए नियमित वैट/रेसिस्टन्स ट्रेनिंग अत्यावश्यक है। 

तो आप सभी Exercise करते रहिए और मेरा कानमंत्र याद रखिए, 

थोड़ा ही सही लेकिन नियमित व्यायाम बहुत आवश्यक हैं!


AT A GLANCE






No comments:

Post a Comment

योगासन अभ्यास शुरू करने से पहले     वर्तमान समय में योगासनों का महत्व हम सब जान चुके है। नियमित योगासन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है य...